✦ Hadith: Ya Allah mujhe apne azab se bacha lena jis din tu apne bando ko uthayega ya jama karega
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✦ Abdullah bin masood Radhi allahu anhu se rivayat hai ki Rasool-Allah sallallahu alaihi wasallam jab bistar par sone ke liye tashreef le jaate to apna daya haath rukhsar mubarak ke neeche rakhte aur farmate
اللَّهُمَّ قِنِي عَذَابَكَ يَوْمَ تَبْعَثُ - أَوْ تَجْمَعُ - عِبَادَكَ
Allahumma qini Adhabaka yawma tab'asu wa tajmau ibadaka
Ya Allah mujhe apne azab se bacha lena jis din tu apne bando ko uthayega ya jama karega
Sunan Ibn majah, Vol 3, 758 -Sahih
✦ Mughira bin Shu'ba Radi Allahu Anhu se rivayat hai ki Rasool-Allah Sal-Allahu Alaihi Wasallam (farz ke alawa) itni (nawafil) namaz Padhte the ki unke paaw (feet) mein waram aa jaya karta tha ya aapke qadam phool jate the jab Aap Sal-Allahu Alaihi Wasallam se arz ki jati ki Aap to bakshe huye ho to
Aap Sal-Allahu Alaihi Wasallam farmate ki Kya Main ALLAH ka shukarghuzar banda na banu.
Sahih Bukhari, Vol 7, 6471
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✦ अब्दुल्लाह बिन मसूद रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैही वसल्लम जब बिस्तर पर सोने के लिए तशरीफ़ ले जाते तो अपना दायाँ हाथ रुखसार मुबारक के नीचे रखते और फरमाते
اللَّهُمَّ قِنِي عَذَابَكَ يَوْمَ تَبْعَثُ - أَوْ تَجْمَعُ - عِبَادَكَ
अल्लाहुम्मा क़िनी अज़ाबिका यौमा तबअसू अव तजमऊ ईबादाका
या अल्लाह मुझे अपने अज़ाब से बचा लेना जिस दिन तू अपने बन्दों को उठाएगा या जमा करेगा
सुनन इब्न माजा , जिल्द 3, 758 -सही
✦ मुगैरा बिन शूबा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम (फ़र्ज़ के अलावा) इतनी (नवाफिल) नमाज़ पढ़ते थे की उनके पाँव में वरम आ जाया करता था या आपके क़दम फूल जाते थे जब आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम से अर्ज़ की जाती की आप तो बख्शे हुए हो तो आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम फरमाते की क्या मैं अल्लाह का शूकरगुज़ार बंदा ना बनू
सही बुखारी, जिल्द 7, 6471
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